Written by molana Qsim Raza {Post By Sartaj}
*मुफ़सिदाते नमाज़ की पहेलियां 8*
3️⃣0️⃣ सवाल----- वह कौनसी बा जमाअत नमाज़ है के औरत उसमें मर्द के मुहाज़ी हो जाए तो मर्द की नमाज़ फ़ासिद नहीं होगी अगरचे इमाम ने उसकी इमामत की नियत की हो,
3️⃣0️⃣ जवाब----- वह नमाज़े जनाज़ा है के जिसमें औरत मर्द के मुहाज़ी हो जाए तो मर्द की नमाज़ फ़ासिद नहीं होगी अगरचे इमाम ने उसकी इमामत की नियत की हो,
📚 बहारे शरिअत हिस्सा 4, सफ़ह 156)
📚 फ़तावा आलमगीरी जिल्द 1 मिसरी सफ़ह 153)
3️⃣1️⃣ सवाल----- वह कौनसा मुक़तदी है के जिसकी इक़तदा के सबब इमाम और मुक़तदी दोनों की नमाज़ फ़ासिद हो जाएगी,
3️⃣1️⃣ जवाब----- क़ारी यानी जो
مايجوذبه الصلاة قراءت،
करता है
(यानी जो नमाज़ में इतना क़ुरआन सही पढ़ लेता है जिससे नमाज़ दुरुस्त हो जाए)
अगर वह इक़तदा करे उम्मी की जो
مايجوذبه الصلاة قراءت،
नहीं करता
(यानी जो नमाज़ में इतना क़ुरआन सही नहीं पढ़ता जिससे नमाज़ दुरुस्त हो जाए)
तो ऐसे मुक़तदी की इक़तदा के सबब इमाम और मुक़्तदी दोनों की नमाज़ फ़ासिद हो जाएगी,
📚 अल अशबाह वन्नज़ाइर सफ़ह 168)
3️⃣2️⃣ सवाल----- एक शख़्स वुज़ू, मुकम्मल ग़ुसल और कपड़े वग़ैरह की तहारत के साथ नमाज़ पढ़ रहा था मगर उसने पानी देखा तो नमाज़ फ़ासिद हो गई, उसकी सूरत क्या है,
3️⃣2️⃣ जवाब----- वह शख़्स तयम्मुम करने वाले इमाम की इक़तदा में नमाज़ पढ़ रहा था, इस सूरत में जब उसने पानी देखा तो उसकी नमाज़ फ़ासिद हो गई,
📚 अल अशबाह वन्नज़ाइर सफ़ह 395)
3️⃣3️⃣ सवाल----- क़ुरआन की आयते करीमा पढ़ी मगर किसी के जवाब में या ग़लत लुक़्मा देने के लिए नहीं पढ़ी, उसके बावुज़ूद नमाज़ फ़ासिद हो गई, उसकी सूरत क्या है,
3️⃣3️⃣ जवाब----- नमाज़ में ऐसा हद्स लाहिक़ हुआ (हद्स उसको कहते हैं जिसके सबब हालते नमाज़ में वुज़ू या ग़ुसल वाजिब हो जाए मसलन रीह या पेशाब या मनी के क़तरे आ जाएं) जिससे बिना कर सकता था (यानी किसी से बात या कोई काम किए बगैर वुज़ू या ग़ुसल करके नमाज़ में शामिल हो सकता था) मगर मस्जिद निकलते हुए उसने क़ुरआन की तिलावत की, तो इस सूरत में अगरचे उसने किसी के जवाब में या ग़लत लुक़्मा देने के लिए आयते करीमा नहीं पढ़ी मगर उसके बावुज़ूद नमाज़ फ़ासिद हो गई अब बिना नहीं कर सकता,
📚 अल अशबाह वन्नज़ाइर सफ़ह 394)
📗 अजाइबुल फ़िक़ह सफ़ह 127--128)
इससे पहले की पोस्ट में अजाइबुल फ़िक़ह का सफ़ह नंबर 26--27---ग़लती से टाइप हो गया जबके 126--127-- है,,,
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*🌹 तालिबे दुआ 🤲👇*
हज़रत मुफ़्ती मुहम्मद ज़ुल्फ़ुक़ार ख़ान नईमी साहब क़िब्ला व हज़रत मुफ़्ती मुहम्मद क़ासिम रज़ा नईमी साहब क़िब्ला और ग़ुलामे ताजुश्शरिअह अब्दुल्लाह रज़वी क़ादरी, मुरादाबाद यूपी इंडिया,
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